Kharmas Me Varjit Karya: खरमास (Kharmas) की पौराणिक कथा क्या है, आइये जानते है, क्यों लगता है खरमास, क्यों कोई भी शुभ कार्य खरमास में वर्जित माना जाता है (खरमास में वर्जित कार्य), किस तारीख से खरमास की शुरुआत और कब है इसकी समाप्ति, कौन से कार्य आपको भूलकर भी नहीं करने है खर मास के दौरान
Kharmas kya hai: खरमास क्या है इसके पीछे की क्या कहानी है, क्यों लगता है यह
खरमास लगने व इस समय कोई भी शुभ कार्य न होने के पीछे की एक रोचक कहानी है, एक बार सूर्य देवता पृथ्वी की परिक्रमा के लिए अपने सात घोड़ों के साथ रथ पर सवार होकर निकले, परिक्रमा के दौरान हेमंत ऋतू के आते-आते उनके घोड़े प्यास से व्याकुल होने लगे तो सूर्य देवता ने उनको एक तालाब के पास पानी पीने के लिए रोक लिया। लेकिन सूर्य देवता गतिहीन होने के लिए प्रतिबंधित है, क्योंकि अगर वो गतिहीन हो जाए तो पृथ्वी कैसे चलेगी। इसलिए उन्होंने वहाँ खड़े दो खर यानी खच्चरों को अपने रथ से बाँध लिया, और अपने आगे की यात्रा आरम्भ की, मगर खरों की गति घोड़ों जैसी तो नहीं होती है, सूर्य देवता ने धीमी गति के साथ एक महीना उन खरों के साथ यात्रा की, जिसके चलते उनकी गति कम रही और सूर्य का तेज भी पृथ्वी पर कम पड़ा। तो ऐसा माना जाता है की खरमास के समय सूर्य का तेज पृथ्वी पर कम होता है इसलिए कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इस समय पृथ्वी पर भी धूप कम होती है। कहते है की जब एक महीने के बाद सूर्य ने अपने सातों घोड़ों को फिर से अपने रथ में बांध लिया उसके बाद फिर से पूरी गति के साथ उन्होंने अपनी पृथ्वी की यात्रा जारी की। इसी तरह पृथ्वी पर भी मांगलिक कार्यों का होना शुरू हो जाता है।
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कब से लग रहा है खरमास, मार्च में खरमास कब लगेगा (march 2024 mein kharmas kab lag raha hai)
सूर्य हर महीने अलग-अलग राशि में प्रवेश करता है जब यह बृहस्पति से धनु राशि में प्रवेश करता है तब खरमास लगता है, एक महीने के अंतराल के बाद जब यह धनु राशि से मेष राशि में प्रवेश होगा तब खरमास की समाप्ति होगी। खरमास साल में दो बार लगता है इस बार 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा। हमारे सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य खरमास में नहीं किया जाता है।
इस बार खरमास में होली, नवरात्री आदि त्यौहार पड़ रहे है, चलिए जानते है की आपको खरमास के लगने पर कौन-कौन से शुभ कार्यों को नहीं करना है और अगर आपने कुछ प्लान्स पहले से प्लान बना रखे थे तो उन पर भी आपको एक महीने के लिए पूर्ण विराम लगा देना है,
1 – कोई भी विवाह सम्बन्धी, चाहे रिश्ता पक्का करना या देखने दिखाने का कार्य आपको नहीं करना है।
2 – वाहन, घर, जमीन, गहने आपको नहीं खरीदने है।
3 – कोई मांगलिक कार्य जैसे बच्चे का मुंडन, नामकरण, गृहप्रवेश या घर में कोई पूजा जैसे सत्यनारायण की पूजा, देवी जागरण इत्यादि जैसे शुभ कार्य आपको नहीं करने है।
4 – आपको नए कपड़ों, जूते चप्पलों की भी खरीदारी नहीं करनी है, अगर आपके पास नए कपडे पहले से रखे भी जो आने अभी तक पहन के देखे नहीं है तो उनको भी खरमास में न पहने।
5 – खरमास में बहु बेटियों की विदाई भी नहीं करनी चाहिए अगर वह मायके में है तो ससुराल ना जाए और ससुराल है तो मायके ना जाए।
6 – कोई भी करियर सम्बन्धी नई नौकरी, या कोई भी नया बिज़नेस आपको इस समय शुरू नहीं करना है।
क्यों नहीं होता है खरमास में कोई भी शुभ कार्य
हमारे सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य के लिए बृहस्पति, जिसे देव गुरु के नाम से भी जाना जाता है। इस राशि में किये कार्य अत्यंत शुभ एवं लाभदायी होते है। खरमास में सूर्य देवता बृहस्पति राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करता है, इसको धनु संक्रांति भी कहते है, धनु राशि में लगते ही सूर्य का तेज पृथ्वी पर कम हो जाता है, जिसके चलते कोई भी सुबह कार्य करना वर्जित माना जाता है। अगर आप तब भी करते है तो उसका शत प्रतिशत लाभ मिलने की संभावना कम हो जाती है।
धनुराशि की ख़ास बात क्या है, धनु राशि वाले व्यवहार के कैसे होते, कौन सा व्यवसाय में सफल रहने की सम्भावना ज्यादा होती है
धनुराशि का स्वामी गुरु होता है, इस राशि के लोग अत्यंत उत्साही, तार्किक, जीवन के प्रति व्यापक दृष्टिकोण व जीवन को बड़े ही मौज और उत्साह से जीने वाले होते है। इस राशि के लोग हर दिन खुद को बेहतर बनाने व अपना रास्ता खुद खोजने के लिए लगे रहते है, दर्शन शास्त्र, इतिहास व अलग अलग जगहों पर यात्रा करना इन्हे बहुत पसंद होता है। इस राशि के लोगों को जीवन में नयी-नयी चुनौतियों का सामना करना बेहद पसंद होता है तो इस राशि के लोगों का व्यापार करने में हाथ अच्छा होता है
खरमास में किन नियमों को करना चाहिए या किस की पूजा करनी चाहिए
1- खरमास में विष्णु की पूजा व सूर्य और तुलसी को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
2- तामसिक भोजन को खरमास में ग्रहण नहीं करना चाहिए।
3- खरमास में आपको जमीन पर बिस्तर लगा कर सोना चाहि।
4- इस माह में उपवास रखने से भी लाभ मिलता है।
5- बुरे विचारों से दूर रहे, दान करने से भी लाभ मिलता है।