कृष्ण नगरी वृंदावन में बनेगा बुर्ज खलीफा से भी ऊंचा चंद्रोदय मंदिर, कुतुब मीनार से भी तीन गुना लंबा, 700 करोड़ की लागत से बना यह मंदिर होगा विश्व के महंगे मंदिरों में से एक
मथुरा न्यूज : वृंदावन में बन रहा भगवान श्री कृष्ण का चंद्रोदय मंदिर (Chandrodaya Mandir) जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा, यह मंदिर अपनी अद्भुत भव्यता व ऊंचाई के लिए विश्व भर में चर्चित होने वाला है। इस्कॉन बैंगलुरु द्वारा निर्मित यह मंदिर 62 एकड़ के एरिया में फैला होगा, कुल 700 करोड़ की लागत से बना यह मंदिर दिल्ली के कुतुब मीनार से भी तीन गुना ऊंचा बताया जा रहा है। इस मंदिर में कुल 166 मंजिल होंगी जिसके चलते यह मंदिर बुर्ज खलीफा की भी लंबाई को पार कर जाएगा। इसकी ऊंचाई इतनी है की इस मंदिर के टॉप फ्लोर से ताज महल को भी आसानी से देख सकते है। विशालकाय वाला यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

जाने वृंदावन चंद्रोदय मंदिर वृंदावन, मथुरा, भारत की अद्भुत खास बातें, यह अनोखी चीजे आपने पहले कभी किसी मंदिर में नहीं देखी होंगी
26 एकड़ भूमि में, चंद्रोदय मंदिर (Vrindavan Chandrodaya Mandir) को विभिन्न वनस्पतियों, फूलों – फलों के पेड़ों से सुसज्जित किया जाएगा, इस जगह में कुल 12 कृत्रिम वन भी होंगे जोकि भगवत गीता व अन्य शास्त्रों, वेदों से ओतप्रोत होंगे, ताकि श्रद्धालु लोग भगवान श्रीकृष्ण के समय के वृंदावन का अनुभव सजीव रूप से ले सकें।
अलीगढ़ का शिव मंदिर जहां भगवान श्रीकृष्ण ने की थी महादेव की पूजा
- चंद्रोदय मंदिर की नींव 55 मीटर गहरी रखी गई है, ताकि इसको एक बहुमंजिला इमारत में बनाया जाए, बुर्ज खलीफा की नींव से भी 5 मीटर ज्यादा अधिक है। इसको खास मजबूती देने के लिए भी 511 पिलर भी तैयार हुए है।
- चंद्रोदय मंदिर में विभिन्न प्रकार के लाइट शो और व्रज मंडल परिक्रमा जैसे आकर्षण होंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए खास अनुभव प्रदान करेंगे।
- चंद्रोदय मंदिर को भव्य ओर इतना आलोकनीय बनाया जा रहा है जिससे यह विश्व भर में आकर्षण का केंद्र बनेगा ओर इसको एक पर्यटन स्थल के रूप में बनाया जा रहा है, जिससे राज्य सरकार को भी लाभ मिलेगा।
- चंद्रोदय मंदिर कुल 62 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 5 एकड़ का मंदिर परिसर रहेगा, 26 एकड़ में फैले 12 कृत्रिम वन होंगे, 12 एकड़ की पार्किंग सुविधा रहेगी व एक हेलीपैड एरिया भी शामिल है।
- चंद्रोदय मंदिर की नींव इतनी मजबूत रखी गई है की यह 8 रिक्टर स्केल के भूकंप व 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले तूफान को बड़ी आसानी से सहन कर लेगा। 62 एकड़ में फैले इस मंदिर को व्यक्ति को पूरा देखने में कई दिन लगेंगे।
- चंद्रोदय मंदिर में 4D तकनीक का भी बखूबी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे देवलोक और देव लीलाओं के दर्शन बहोत सजीव ढंग से होंगे। इसके अलावा, मंदिर में लाइब्रेरी भी होगी जिसमें श्री कृष्ण की जीवन की कहानियाँ होंगी, मंदिर में कृष्ण थीम पार्क भी बनवाया जा रहा है, जिसमें लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से श्री कृष्ण लीलाओं को चित्रगित किया जाएगा।
- चंद्रोदय मंदिर में कुल 166 मंजिल होंगी, जिसकी कुल लंबाई 700 फुट होगी। इसकी टॉप मंजिल का नाम “ब्रजमंडल दर्शन” रखा गया है, इसकी टॉप मंजिल से ताज महल को भी आसानी से देखा जा सकता है।
2014 में हुआ शिलान्यास , श्रील प्रभूपाद के विचारों से प्रेरित होकर बन रहा यह भव्य गगनचुंबी मंदिर
वृंदावन में बन रहे इस भव्य चंद्रोदय मंदिर (Chandrodaya Mandir) का सपना इस्कॉन के संस्थापक ने आज से 10 साल पहले देखा था, जोकि अब पूरा होने की कगार पर है। इस भव्य मंदिर की आधार शिला आज से 10 साल पहले 16 मार्च 2014 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रखी थी। 1972 में वृंदावन में श्रील प्रभूपाद ने अपने एक व्याख्यान में कहा था जैसे लोग ऊंची इमारतों का निर्माण करातें हैं, वैसे ही उसी धारणा से भगवान श्रीकृष्ण का भी गगनचुंबी मंदिर बनाना चाहिए। श्रील प्रभूपाद का मानना था की भौतिक गतिविधियों को नया रूप देकर, लोगों को भगवान की उपासना की ओर अग्रसर करना चाहिए। यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बने, इसी को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण कराया जाए। इसी से प्रेरणा लेते हुए इस्कॉन बैंगलुरु के भक्तों ने श्रीकृष्ण मंदिर बनवाने का फैसला किया जोकि अब वृंदावन में जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा।
पहले काशी और अब यमुना नदी में उतर गया ‘गरुड़’, मथुरा-वृंदावन के कराएगा दर्शन
इस मंदिर के साथ सामाजिक सुधार के लिए भी विभिन्न योजनाओं का निर्माण, गौ रक्षा से लेकर पर्यावरण को भी शुद्ध करने के लिए विभिन्न गतिविधियां होंगी संचालित
वृंदावन के गरीब बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए अक्षय पात्र मिड-डे मिल की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें बच्चों व गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त भोजन मिल सके।
वृंदावन की विधवा महिलाओं के लिए भी खास व्यवस्था की जाएगी जिनसे उनकी स्थिति में कल्याणकारी सुधार किए जाए। विधवाओं को किसी भी तरह की आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़े।
यमुना नदी को उसके पुराना सौन्दर्य वापस दिलाने के लिए भी कई योजनाएँ बनाई जाएंगी, जिससे आस-पास का वातावरण शुद्ध, पवित्र व मनमोहक बना रहे।
सभी जानते है की भगवान श्री कृष्ण को गायों से कितना लगाव था। उसके लिए भी गौ सेवा के लिए भी विभिन्न योजनाओं के साथ गौशाला का भी निर्माण किया जाएगा। जिससे श्री कृष्ण के ब्रज में उनकी गायों की दुर्गति ना हो सके।
इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज सुधार और भारतीय संस्कृति को भी बढ़ावा देना है।