पहले काशी और अब यमुना नदी में उतर गया ‘गरुड़’, मथुरा-वृंदावन के कराएगा दर्शन

मथुरा-वृंदावन की यात्रा कराने के लिए यमुना में उतारा गरुण,  मंदिरों के दर्शन में होगी सुविधा, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यमुना में वाटर-वे बनाने की घोषणा

Mathura Vrindavan Cruise News: मंगलवार को मथुरा की यमुना नदी में क्रूज (Cruise) उतार दिया गया है। तकनीकी टीम इसके संचालन में ज़ोरों से लगी हुई है। जल्द ही यह क्रूज मथुरा-वृंदावन की सैर कराने के लिए तैयार हो जाएगा। 

mathura vrindavan garuda cruise

मथुरा क्रूज लाइंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीईओ अतुल तेवतीया ने कहा – श्रद्धालुओं के लिए क्रूज से मथुरा-वृंदावन के मंदिरों की यात्रा उनके आकर्षण का केंद्र बनेगी। इसके अलावा हर साल हज़ारों श्रद्धालुओं की भीड़ श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा-वृंदावन घूमने के लिए आती है। जिसके चलते श्रद्धालुओं का मथुरा-वृंदावन की छोटी-छोटी गलियों में घूमना कठिन हो जाता है, लेकिन अब अगर आप मथुरा-वृंदावन घूमने जाना चाहते है तो शौक़ से जाइए, आपके लिए क्रूज की व्यवस्था आपकी यात्रा को ख़ुशनुमा बना देगी। आइये आपको बता दें कि इस क्रूज में आपको क्या-क्या सुविधाएँ मिल सकेंगी –

1 – इस क्रूज में खाने-पीने की सुविधा प्रदान की जाएगी 

2 – इस क्रूज में एक साथ 100 से ज़्यादा यात्री सफ़र कर सकेंगे। आराम दायक कुर्सियों का भी इंतज़ाम इस क्रूज में किया गया है।

3 – इस क्रूज पर यात्रियों की धार्मिक आस्था व मनोरंजन का पूरा ध्यान रखा जाएगा, जिसके लिए टीवी, व सीन सीनेरियो का भी पूरा इंतज़ाम होगा 

4 – गाइड की टीम होगी जो आपको ज़रूरी सूचना व मथुरा-वृंदावन के इतिहास से आपको रूबरू कराएगी 

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क्रूज का नाम “गरुण क्रूज” रखा गया 

मथुरा क्रूज लाइंस के सीईओ ने बताया की यमुना नदी में उतरने वाले इस क्रूज का नाम “गरुण क्रूज” रखा गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की गरुण हिंदू परंपरा का एक पौराणिक पक्षी है। और गरुण भगवान विष्णु का वाहन भी है, गरुण आकाश में बहुत तेज गति से उड़ने में सक्षम होते थे हालाँकि गरुण प्रजाति अब दुनिया में अस्तित्व में नहीं हैं। गरुण दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए इस क्रूज को गरुण नाम दिया गया है।यह क्रूज 50 फीट लंबा, 17 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊँचा हैं जिसमें 100 से भी ज़्यादा पर्यटक एक बार में बैठने की सुसीधा दी गई है।

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यमुना नदी में जलमार्ग (Water-Way on Yamuna River) बनाने पर भी चर्चा हो रही है 

बंदरगाह पोत- परिवहन एवं जलमार्ग  केंद्रीय मंत्री (सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ़ पोर्ट्स, शिपिंग एंड वाटर-वे) सर्बानंद सोनोवाल ने कहा धार्मिक टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए मथुरा, वृंदावन, और आगरा के लिए वाटर-वे बनाना चाहिए। आगरा में आने वाले राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनेगा और इंटरनेशनल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। जिसके लिए उन्होंने हाल हीं में सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा की है, इस प्रोजेक्ट को हरि झंडी मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

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मथुरा-वृंदावन क्रूज का कितना रहेगा किराया

सर्वप्रथम काशी में क्रूज सेवा शुरू होने के बाद अब गरुण क्रूज को यमुना नदी में मथुरा-वृंदावन के सभी तीर्थ स्थान, प्राचीन मंदिरों और पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए उतारा गया है, यह क्रूज सेवा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है, जिससे केवल भारत देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आकर हमारी देश की संस्कृति को जाने समझे और इसका आनंद लें, मथुरा-वृंदावन का क्रूज सफ़र 14 किलोमीटर का फ़ासला तय करेगा। जिसका किराया अलग-अलग श्रेणियों में होने के कारण कुछ 5000 रुपए तक रहने की संभावना है।

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दो हल वाला गरुण क्रूज दुबई से मंगाया गया है, कितनी लागत से बना है  

गोकुल से वृंदावन तक की यात्रा कराने के लिए यमुना नदी में उतारा गया गरुण क्रूज क़रीब 4 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। गरुण क्रूज को दुबई से गुजरात के कांडला बंदरगाह से जलमार्ग के रास्ते लाया गया है। बंदरगाह से मथुरा तक इसको ट्रक के माध्यम से लाया गया है। इस क्रूज की लंबाई 50 फीट, चौड़ाई 17 फीट और ऊँचाई 15 फीट लगभग हैं। इसकी ख़ास बात है कि यह क्रूज को चलने के लिए केवल एक मीटर गहराई के पानी की ज़रूरत होगी क्योंकि यह गरुण क्रूज कैटामरीन श्रेणी का है जिसमें दो हल होते है, दो हल होने के कारण ही यह कम पानी में भी सुविधापूर्वक चलने में सक्षम हो पाएगा।

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Published by

Anjali Dixit

Anjali Dixit (अंजलि दीक्षित) is a remarkable individual who seamlessly bridges the worlds of academia and culinary artistry. She initially made a mark in the academic realm as a dedicated professor, imparting knowledge and shaping young minds. However, her passion for news and a keen interest in exploring the diverse culinary landscape of India led her to venture into the world of news and blogging.

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