Noida International Jewar Airport News: उत्तर प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो जेवर में निर्माणाधीन है, को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह एयरपोर्ट आसपास के 28 जिलों को जोड़ेगा और हाईटेक बसों के संचालन की योजना बनाई जा रही है।
28 जिलों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी:
जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, और दिल्ली के 28 जिलों के साथ जोड़ा जाएगा। जिससे इन जिलों के यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी। यह कनेक्टिविटी योजना न केवल एयरपोर्ट तक की पहुंच को आसान बनाएगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी यातायात को सुधारने में मदद करेगी, जिससे यात्रियों का समय और लागत दोनों में बचत हो सकेगी।
500 से अधिक हाईटेक बसों का होगा संचालन
500 से भी ज्यादा हाईटेक बसों का इंतजाम यात्रियों को एयरपोर्ट तक सुविधापूर्वक पहुंचाने के लिए किया जाएगा। इन बसों में आधुनिक सुविधाएं जैसे GPS ट्रैकिंग, एयर कंडीशनिंग, और ऑनबोर्ड सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे , जिससे यात्रियों की यात्रा सुरक्षित और आरामदायक बनेगी। यह बसें निर्धारित समय पर उपलब्ध होंगी, काफी किफायती किराए से यह यात्री को एयरपोर्ट पर लाएंगी। यह बसें एनसीआर के सभी हिस्सों का पूरा कवरेज करेंगी, जिससे यात्रियों को किसी भी स्थान से एयरपोर्ट तक पहुंचने में आसानी होगी।
‘नमो भारत’ ट्रेन की जल्द होगी शुरुआत
‘नमो भारत’ ट्रेन की परियोजना तेजी से प्रगति कर रही है, जिसमें गाजियाबाद से जेवर तक ट्रैक बिछाने की पूरी तैयारी की जा रही है। इस परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है और डीपीआर को अंतिम रूप देने के लिए स्थानीय स्तर पर भी सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। जैसे ही मंजूरी मिलती है, ट्रैक निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह ट्रेन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक तेज और सुविधाजनक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
स्मार्ट और सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत पर्यावरण-अनुकूल और सस्टेनेबल डिजाइन के साथ विकसित किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट के निर्माण में आधुनिक तकनिकियों का उपयोग किया जाएगा, जिससे न केवल संचालन कुशल बनेगा, बल्कि पर्यावरण पर भी इसका न्यूनतम प्रभाव होगा। इस एयरपोर्ट पर सोलर पैनल, ऊर्जा-बचत उपकरण, और टिकाऊ निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए हरित क्षेत्र और आधुनिक जल प्रबंधन प्रणालियां भी लागू की जा रही हैं। यह एयरपोर्ट भारत के सबसे ज्यादा पर्यावरण-अनुकूलित हवाई अड्डों में से एक होगा।
स्थानीय क्षेत्रों का होगा आर्थिक विकास
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ आने वाली कनेक्टिविटी सुधारों से आसपास के जिलों में रोजगार की वृद्धि होगी। एयरपोर्ट के निर्माण और इसके साथ जुड़ी परिवहन सेवाओं की वजह से स्थानीय क्षेत्रों में व्यापार, पर्यटन और उद्योगों को नया जीवन मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी से इन क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होंगे, जिससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। एयरपोर्ट के आसपास विभिन्न व्यापारिक गतिविधियां, जैसे होटल, रिटेल, लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विस्तार होगा, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे।