Surya Grahan 2024 : इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है जो 8 अप्रैल की रात्रि को लगेगा और अगले दिन यानी 9 अप्रैल की दोपहर 1 बजे तक इसका समय रहेगा। अगले दिन यानी 9 अप्रैल को नवरात्रि का पहला दिन भी है। हालाँकि यह एक खगोलीय घटना है। जिसका आपके सामान्य जीवन से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन भारत में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसको शुभ नहीं मानते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का असर हमारे जीवन पर भी होता है। तो ऐसे में हम लोग कंफ्यूज रहते हैं कि, हमको क्या कार्य ग्रहण के समय करने चाहिए और किन कार्यों को से बचाना चाहिए। इसकी चर्चा विस्तार से नीचे करते हैं –
सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) क्या होता है, पूर्ण सूर्यग्रहण किसे कहते है
जैसा की हम जानते हैं कि, पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है। भौतिक विज्ञान के अनुसार जब चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। जिसके कारण चंद्रमा सूर्य की सारी रोशनी को रोक लेता है। और पृथ्वी पर हल्की काली छाया जैसा हो जाता है। इस घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है।
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ग्रहण भी तीन प्रकार के होते हैं खंड-ग्रहण, पूर्ण-ग्रहण व वलयाकार-ग्रहण। खंड-ग्रहण जब चंद्रमा सूर्या के कुछ हिस्से को अवरुद्ध या कहें कुछ हिस्से को ढकता है तो उसको खंड-सूर्यग्रहण कहते है।और जब चंद्रमा, सूर्य को पूरा ढक लेता है तो उस अवस्था को पूर्ण-सूर्यग्रहण कहा जाता है। वलयाकार-ग्रहण में चंद्रमा दूर से ही पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। जिससे सूर्य का मध्य भाग अवरुद्ध हो जाता है या कहें कि, कुछ चूड़ी के आकर का सूर्य दिखने लगता है।
8 अप्रैल को कितने समय तक रहेगा, सूर्य ग्रहण कब लगेगा Surya Grahan on 8 April 2024
8 अप्रैल 2024 सूर्य ग्रहण समय : सूर्यग्रहण 8 अप्रैल की रात्रि 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 9 अप्रैल की दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।
भारत में सूर्य ग्रहण किन-किन जगहों पर दिखाई देगा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 8 अप्रैल 2024 (Surya Grahan 8 April 2024) को पड़ने वाला सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखायी पड़ेगा इसलिए भारत में सूर्यग्रहण मान्य नहीं होगा। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार जब सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा इसलिए सूतक भी नहीं लगेंगे। इससे आपको कोई परहेज़ करने की आवश्यकता नहीं है। यह सूर्यग्रहण संपूर्ण अमेरिका के साथ उत्तरी भागों में नज़र आएगा।
क्या नवरात्रि की पूजा में कुछ बदलाव लाने होंगे
जैसा की यह स्पष्ठ हो चुका है की सूर्यग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं होगा तो ऐसे में सूर्यग्रहण को लेकर कैसी भी दिक़्क़त नहीं होगी। आप अच्छे से दुर्गा माँ की पूजा आराधना कर सकते हैं, उपवास रख सकते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण को शुभ क्यों नहीं माना जाता है
हालाँकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह एक खगोलीय घटना मात्र है। लेकिन हमारे ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। कहते हैं कि ग्रहण के समय काफ़ी नकारात्मक ऊर्जा पृथ्वी पर फैल जाती है। और ऊर्जा का स्तर बिलकुल नीचे गिर जाता है। तो ग्रहण के समय के समय हमें कई चीज़ों को करने से बचाना चाहिए-
1- हमारे ऋषि मुनियों का कहना है कि सूर्य ग्रहण के समय जठराग्नि, नेत्र व पित्त की शक्ति क्षीण पड़ जाती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सूर्यग्रहण नहीं देखना चाहिए। क्योंकि उसके देखने मात्र से गर्भवती महिला की संतान विकलांग हो सकती है। गर्भवती महिला के उदर पे तुलसी, गेरू या गोबर का लेप लगाना चाहिए।
2- ग्रहण शुरू होने से पहले नहा लेने चाहिए और ग्रहण के समय भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए। ग्रहण के बाद दान करना उचित बताया गया है।
3- अगर आपकी रसोई में खाना बचा है तो उसको ग्रहण के बाद नहीं खाना चाहिए या फिर खाने की सामग्री में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए जिससे उस पर ग्रहण के होने वालें दुष्परिणामों से बचा जा सकें।
4- ग्रहण के समय कुछ भी खाना नहीं खाना चाहिए। लेकिन बुजुर्ग और बच्चों को आप खाने को दे सकते हैं।